Kidney Marij Creatinine Ko Control Kaise Karen?

किडनी की बीमारी को दूर करने के लिए सबसे जरुरी है कि आप अपने शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर को सामान्य रखें| क्योंकि बढ़ता क्रिएटिनिन अक्सर किडनी खराबी की वजह बनता है साथ ही यह आपके शरीर में कई और बीमारियों को आमंत्रित करता है| इसको दूर करने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ चीज़ों को शामिल करना होगा और कुछ चीज़ों से दूरी बनानी होगी!

किडनी का काम:

दोस्तों किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है| अगर किडनी में कुछ समस्या आ जाए तो इसका सीधा असर आपके स्वास्थ पर होता है| अगर हम किडनी के काम के बारें में बात करें तो किडनी का काम शरीर में बन रहे ज़हरीले पदार्थ को शरीर से बाहर करना होता है| किडनी का काम रक्त में जमा गंदगी को साफ़ करना होता है| जब आपकी किडनी नियमति रूप से अपना काम करती रहती है, तो इससे आपका शरीर स्वस्थ रहता है| लेकिन जब आपके शरीर में जरूरत से ज्यादा यूरिक एसिड बढ़ जाता है और आपके लिए आहार से आपका रक्त खराब हो जाता है तो इससे किडनी के काम में दबाव आने लगता है|

आपकी किडनी रक्त को सही ढंग से साफ़ कर नहीं पाती और खराब रक्त नसों के माध्यम से पूरे शरीर में बहने लगता है और इसके कारण शरीर में कई सारी समस्याएं जन्म लेने लगती हैं| पके द्वारा लिया गया आहार जिसमें अधिक मात्रा में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, वसा, कार्बोहाइड्रेट और फास्फोरस पाया जाता है, इनका अधिक सेवन शरीर में ज़हरीले पदार्थ बनाते हैं| इतना ही नहीं अगर आप ऐसे आहार जरूरत से ज्यादा लेते हैं तो यह आपकी किडनी के काम में दबाव भी डालते हैं| साथ ही अधिक मात्रा में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, वसा, कार्बोहाइड्रेट और फास्फोरस आपके शरीर में यूरिक एसिड बनाते हैं, जो कि किडनी के लिए हानिकारक साबित होता है|

क्या है क्रिएटिनिन:

क्रिएटिनिन एक प्रकार का वेस्ट पदार्थ है, जिसका शरीर में रहना आपके स्वास्थ को हानि पहुंचता है| किडनी की समस्या और शरीर में क्रिएटिनिन की मात्रा दोनों का आपस में गहरा संबध है| क्योकिं जब शरीर में क्रिएटिनिन अधिक होता है तो इससे किडनी में खराबी होने की संभावना अधिक हो जाती है| क्रिएटिनिन के बढ़ने से किडनी के काम में दबाव आता है| जिसके कारण किडनी के काम में रुकावट आती है| किडनी के काम में रुकावट का मतलब होता है, कि आपको शाररिक तौर पर कई सारी समस्याएं होने वाली हैं| तो इसके लिए आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि आपको अपने शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ने नहीं देना है| जिसके लिए आपको ऐसे आहार का सेवन करना है, जिसके सेवन से आपका क्रिएटिनिन स्तर कम हो सके|

Creatinine Reduce in The Ayurveda Treatment

क्रिएटिनिन को दूर करने के उपाय:

हर्बल टी:

सर्दियों का समय है तो ऐसे में चाय तो अधिकतर लोग पीते हैं| लेकिन अगर आप चाय पीने के साथ साथ यह भी चाहते हैं कि आपका क्रिएटिनिन सामान्य बना रहे तो आपको जरुरी है कि आप हर्बल चाय पीयें| हर्बल चाय के रूप में आप तुलसी के पत्ते, पुदीना, शहद और अदरक को मिलाकर इसकी चाय बना सकते हैं| इसका सेवन आपके शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर को सामान्य रखेगा|

सैल्विया:

सैल्विया एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जो शरीर में बढ़े हुए क्रिएटिनिन लेवल को कम करने में मदद कर सकती है| सैल्विया का सेवन करने से शरीर में ग्लोगेरुलर फिल्ट्रेशन रेट को बढ़ाता है| जिससे आपकी किडनी सही मात्रा में रक्त को साफ़ करती है| इसके साथ ही यह क्रिएटिनिन स्तर को कम करने में भी मदद करता है| इसमें लिथेस्पर्मेट-बी नाम का एक पोषक तत्व होता है, जो आपके शरीर से क्रिएटिनिन को बाहर निकालने में मदद करता है| आप सैल्विया से बनी चाय भी पी सकते हैं या आप इसको पानी में उबालकर इसको गुनगुना कर के पी सकते हैं|

दालचीनी:

अगर आप इस सर्दी के मौसम में दालचीनी को अपनी डाइट में शामिल करें तो यह न सिर्फ आपके क्रिएटिनिन स्तर को कम करती है बल्कि आपके खाने के स्वाद को भी बढ़ाती हैं| वैसे खाने में स्वाद को बढ़ाना हो तो आप दालचीनी को आहार बनाने में प्रयोग करें| या फिर आप दालचीनी को पानी में उबालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं| दालचीनी का एक और फायदा है कि यह आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाये रखता है| जिससे आपका शरीर हर बीमारी से लड़ने को तैयार रहता है|

मौसमी फलों का सेवन:

क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने के लिए अपने आहार में आप सेब और अनार को जरुर शामिल करें| मौसम चाहे जो भी हो फलों का सेवन जरुर करना चाहिए| इससे आपका पाचन तंत्र मजबूत बना रहता है साथ ही आपका क्रिएटिनिन स्तर भी सामान्य रहता है| इसलिए सेब और अनार का सेवन आपके आहार को पचाने में मदद करता है| क्योंकि यह दोनों फल आपकी बॉडी को अन्दर से डिटॉक्स करने में मदद करते हैं, जिससे आपका क्रिएटिनिन स्तर सामान्य बना रहता है|

आप अपने शरीर में क्रिएटिनिन को कम करने के लिए कुछ योग भी अपना सकते हैं|

जैसे:

ताड़ासन:-

ताड़ासन योग का एक ऐसा आसन है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है| यह आसन आपके पूरे शरीर को लचीला बनाता है| इस आसन को करने के बाद आपका शरीर बहुत हल्का महसूस करता है, इस आसन से आपके शरीर में अनावश्यक फैट नहीं बढ़ता और आपके शरीर में क्रिएटिनिन भी नहीं बढ़ता|

तिर्यक ताड़ासन :-

किडनी में परेशानी होना मतलब ब्लड और यूरिन में क्रिएटिनिन बढ़ना और क्रिएटिनिन का बढ़ना मतलब किडनी का सही तरीके से काम न कर पाना| इसके लिए आप तिर्यक ताड़ासन को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं| इस आसन से आपका क्रिएटिनिन स्तर सामान्य रहता है साथ ही आपकी किडनी भी ठीक रहती है|

इसके अलावा आप कपाल भारती, आलम-विलोम और कम से कम 15 से 20 मिनिट की मॉर्निग वाक भी सकते हैं|व् यह कुछ आसन है जिन्हें आपको रोज सुबह के समय करना है|

Ayurvedic Kidney Treatment

तो ये हैं कुछ खास उपाय जो आपके शरीर में क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ने नहीं देते|

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